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रथ सप्तमी 2025 (ratha saptami 2025) : तिथि, महत्व और पूजा विधि

रथ सप्तमी हिंदू धर्म में एक विशेष दिन माना जाता है, जिसे भगवान सूर्यदेव के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इसे सूर्य जयंती के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन सूर्य उपासना करने से सकारात्मक ऊर्जा, स्वास्थ्य और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह पर्व मुख्य रूप से उत्तर भारत, महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में श्रद्धा के साथ मनाया जाता है।

रथ सप्तमी 2025 कब है और शुभ मुहूर्त

रथ सप्तमी का पर्व वर्ष 2025 में 4 फरवरी, शनिवार को मनाया जाएगा।

  • सप्तमी तिथि प्रारंभ – 3 फरवरी 2025 को रात 08:43 बजे
  • सप्तमी तिथि समाप्त – 4 फरवरी 2025 को शाम 06:24 बजे

इस दिन सूर्योदय के समय स्नान और सूर्य को अर्घ्य देने का विशेष महत्व होता है।

रथ सप्तमी क्यों मनाई जाती है

हिंदू धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, इस दिन भगवान सूर्यदेव ने अपने रथ पर सवार होकर ब्रह्मांड की यात्रा शुरू की थी। सूर्यदेव के रथ को सात घोड़ों द्वारा खींचा जाता है, जो सात रंगों और सात दिनों का प्रतीक माना जाता है। यह दिन स्वास्थ्य, जीवन शक्ति और आध्यात्मिक उन्नति के लिए शुभ माना जाता है।

ऐसा माना जाता है कि इस दिन व्रत और पूजा करने से सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

रथ सप्तमी की पूजा विधि

रथ सप्तमी के दिन प्रातः काल स्नान कर भगवान सूर्य की उपासना की जाती है। पूजा करने की प्रक्रिया निम्नलिखित है:

  1. स्नान एवं अर्घ्य दान – प्रातः सूर्योदय से पहले पवित्र जल में स्नान करें और सूर्यदेव को जल अर्पित करें।
  2. पूजन सामग्री – सात प्रकार के धान्य (जैसे जौ, गेहूं, मूंग, तिल आदि) पूजा में प्रयोग किए जाते हैं।
  3. मंत्र जाप – “ॐ घृणिः सूर्याय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करना शुभ माना जाता है।
  4. सूर्यदेव की आरती – दीप जलाकर सूर्यदेव की आरती करें और नैवेद्य अर्पित करें।
  5. व्रत और दान – इस दिन विशेष रूप से गरीबों और ब्राह्मणों को तिल, गुड़, वस्त्र और अन्न दान करना शुभ माना जाता है।

रथ सप्तमी व्रत के लाभ

  • इस दिन व्रत करने से शरीर निरोगी रहता है और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
  • व्यक्ति के पिछले कर्मों से उत्पन्न दोषों का नाश होता है।
  • सूर्यदेव की कृपा से सफलता और समृद्धि प्राप्त होती है।
  • मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।

निष्कर्ष

रथ सप्तमी 2025 भगवान सूर्य की उपासना का पावन अवसर है। इस दिन विधिपूर्वक सूर्य पूजा करने से व्यक्ति को दीर्घायु, सुख-शांति और समृद्धि प्राप्त होती है। यह पर्व जीवन में नई ऊर्जा और आत्मबल प्रदान करता है।

सूर्यदेव की जय!


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